पाचन शक्ति कैसे बढ़ाये - How To Improve Digestion In Hindi
पाचन तंत्र एक ऐसे मशीन की तरह होता है जो की हमारे पूरे शरीर को कंट्रोल करता है और यही वजह है कि पाचन में किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ी होने से इसका हमारी आंख, हड्डी, त्वचा, बाल, दिमाग और पूरे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यहाँ तक कि अगर पाचन ठीक ना हो तो कोई भी व्यक्ति ना तो अपना वजन बढ़ा सकता है और ना ही घटा सकता है। खाया हुआ खाना बहुत देर से पचना कबज,गैस,सीने में चलन ठीक से भूख न लगना और खाने के बाद भारीपन महसूस होना कमजोर पाचन के निशानी होती है। लेकिन सवाल ये उठता है कि पाचन खराब होता क्यों है पाचन शक्ति कैसे बढ़ाये और इसे किस तरीके से ठीक किया जा सकता है?
पाचन शक्ति कैसे बढ़ाये।
आज हम इस Blog में कुछ खास तरह की खाने की चीजों के बारे में जान लेंगे जो कि पाचन शक्ति को बढ़ाने में बहुत मदद करता है। दोस्तों खाना ठीक से पचाने के लिए पेट में तीन चीजों का होना बहुत ज़रूरी होता है। जिसमें पहला है Enzyme यानी पाचक रस। दूसरा है प्रोबायोटिक यानी की अच्छे बैक्टीरिया और तीसरा है डाइटरी फाइबर। अगर पेट में इन तीनों में से किसी एक की भी कमी होती है तो इससे पाचन में खुद ब खुद गड़बड़ी पैदा होने लगती है। इसलिए आप इन तीनों को ठीक से समझ लेते हैं तो आपको पाचन से जुड़ी कभी भी कोई समस्या होगी ही नहीं और अगर कभी हुई भी तो आपको ये पता होगा कि इसे किस तरीके से ठीक किया जा सकता है। सबसे पहले बात करते हैंEnzyme पाचक रस के बारे में की। ये होता क्या है और कौन कौन सी चीजों को खाकर इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है? दोस्तों, पाचक रस हमारे पेट में खाने को तोड़ने का काम करता है, इसलिए खाना जल्दी और आसानी से पचने के लिए पेट में पाचक रस की सही मात्रा रकम मौजूद होना भी बहुत जरूरी होता है। शायद आपने ध्यान ना दिया हो लेकिन जब भी आप पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं तो अक्सर ये डॉक्टर Zyme के नाम से बॉटल में एक दवाई देता है। दरअसल, इस बॉटल में एंजाइम यानी पाचन रस दवाई के रूप में मौजूद हो रहा है। लेकिन आम तौर पर हमारे शरीर में बिना दवाई के ही लगभग तीन तरह से Enzyme की जरूरत प्राकृतिक रूप से ही पूरी हो जाती है, जिसपे हमें और आपको ध्यान देने की जरूरत है।
पहले तो हमारे मुँह के अंदर जो लार होती है, उसमें भी पाचक रस मौजूद होता है, इसलिए खाना जितना ज्यादा चबाकर खाते हैं। उतनी ही ज्यादा मुँह की लार भी खाने के साथ पेट में पहुंचती है और उस लार में मौजूद पाचक रस खाने को आसानी से पहचाने में मदद करता है। इसलिए खाना हमेशा ही अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। आमतौर पे एक लुकमें में कम से कम 30 से 35 बार चबाना एक बेहतर तरीका माना जाता है। उसके बाद खाना पेट में जाने के बाद हमारा पेट भी पाचक रस प्रोड्यूस करते हैं, जिससे कि खाना को और भी अच्छी तरह तोड़ना आसान हो जाता है। लेकिन यहाँ समस्या ये है की अक्सर ही लोग खाने के तुरंत बाद ही पानी पी लेते हैं और खाने के तुरंत बाद पानी पीने से पेट में पाचक रस की मात्रा ठीक से नहीं निकल पाती जिससे कि पाचन में गड़बड़ी होने लगती है। इसलिए पानी हमेशा ही खाना खाने के कम से कम आधे घंटे बाद ही पीना चाहिए ताकि पेट में पाचक रस ठीक से निकल सके। लेकिन इतना ही काफी नहीं होता। पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए कुछ खाने की चीज़ के जरिए भी पाचक रस की कमी को पूरा करना बहुत ज़रूरी होता है और इसके लिए खाना खाते वक्त 1 मिनट पहले एक बटन के आकार के कच्चे अदरक को चबा चबा कर खाना चाहिए। और ऐसा इसलिए है क्योंकि कच्चा अदरक पेट में जाने के बाद पाचक रस की मात्रा को बढ़ा देता है इससे खाना पचाने की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है। इसके अलावा लगभग हर कच्चे खाने में ये पाचक रस मौजूद होता है। लेकिन यहाँ भी समस्या ये है की जैसे ही खाना को पकाते है तो उस खाने में मौजूद पाचक रस गर्मी के संपर्क में आने से पूरी तरह से खत्म हो जाता है। इसलिए पाचक रस की कमी को पूरा करने के लिए जो चीजें खाने लायक होती है उसे खाना चाहिए। अपने खाने में शामिल करना चाहिए और इसके लिए किसी भी फल का इस्तेमाल किया जा सकता है। या फिर खीरा, गाजर और चुकंदर जैसी चीजों को सलाद के रूप में भी अपने खाने में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि इन सभी चीजों में पाचक रस के अच्छी खासी मात्रा मौजूद होती है।
पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए जो दूसरी चीजें जरूरी होती है वो है पेट में सही मात्रा में अच्छे बैक्टीरिया का होना। कुछ लोग यही सोच रहे होंगे कि बैक्टीरिया तो शरीर को नुकसान पहुंचाता है तो भला ही ये पाचन शक्ति को बढ़ाने में कैसे मदद करता है? दोस्तों यहाँ ये जानना बहुत जरूरी है कि हमारे शरीर में दो तरह के बैक्टीरिया होते हैं। एक है बुरा बैक्टीरिया और दूसरा है अच्छा बैक्टीरिया। बुरा बैक्टीरिया हमारे शरीर में बीमारियाँ पैदा करता है जबकि जो अच्छे बैक्टीरिया होते है वो खाना को पचाने में मदद करने के साथ साथ शरीर में और कई दूसरे कामों को पूरा करने में भी बहुत ही अहम रोल प्ले करता है, बल्कि अच्छे बैक्टीरिया के शरीर में कमी होने से। पाचन में गड़बड़ी होने के साथ साथ शरीर कई सारी बीमारियों का शिकार हो सकता है। जो लोग ज्यादातर बाहर के खाने और ज्यादा तेल या चीनी से बनी चीजों का इस्तेमाल करते हैं, उनके शरीर में अक्सर ही बुरे बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है और अच्छे बैक्टीरिया कम होने लगते हैं, जिससे की पाचन तो खराब होता ही है, साथ ही कई सारी दूसरी समस्याएं भी शुरू होने लगती है। इसलिए अगर आप भी बाहर के खाने, तेल या चीनी से बनी चीजें और पैकेट में मिलने वाली चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो ज़ाहिर है कि आपके भी पेट में अच्छे बैक्टीरिया की बहुत ही कमी हो चुकी होगी और ये भी आपके पाचन में गड़बड़ी होने का एक बड़ा कारण हो सकता है। पेट में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाने के लिए दो चीजों में से किसी एक का इस्तेमाल करना है।जो की एक बहुत ही बेहतर ऑप्शन हो सकता है। जिसमे एक है..
दही और दूसरा है Apple विनेगर यानी के सेब का सिरका। इन दोनों चीजों में अच्छे बैक्टीरिया बहुत ही अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं जो कि पाचन शक्ति को बढ़ाने में बहुत ही मदद करता है। अगर आप दही का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो थोड़ी सी दही में एक चुटकी जीरा पाउडर मिलाकर सुबह के नाश्ते। या फिर दोपहर के खाने के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। और अगर आप Apple विनेगर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए एक छोटा चम्मच ऐप्पल से रविनगर, एक ग्लास गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं तो सलाद में डालकर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ख्याल रखें के 1 दिन में ज्यादा से ज्यादा दो छोटा चम्मच से अधिक आपस है रविनगर आपको इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही कंपनी चाहे कोई भी हो लेकिन आपको ऐसा पल्स कर रहे हैं भी नहीं खरीदना चाहिए जिसे फ़िल्टर नहीं किया गया हो और इस तरह के विनगर की बॉटल को हिलाने से उसमें कुछ टुकड़े तैरते हुए नजर आते हैं। इस तरह का पल्स रेट अगर आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं,
पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए जो तीसरी चीजें जरूरी होती है वो है डाइटरी फाइबर। दोस्तों अगर आपके खाने में फाइबर ना हो तो आपको कब्ज होना और खाने के बाद पेट में गैस बनना पक्की बात है। और ऐसा इसलिए क्योंकि वो खाने में मौजूद फाइबर ही होता है जो कि सभी पोषक तत्वों को कंट्रोल करता है और ये आंतों में जमे वेस्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने का भी काम करता है। इसलिए हर एक किसी के लिए ये समझना जरूरी है कि किस खाने में फाइबर होता है और किस खाने में नहीं होता। दोस्तों किसी भी खाने में ये जो रेशे होते हैं। उसे ही फाइबर कहा जाता है जो कि खाने को बचाने और आंतों में जमे वेस्ट पदार्थ को नीचे की तरफ धकेलने का काम करता है, जिससे की कब्ज की समस्या हमेशा ही दूर रहती है। लेकिन समझने वाली बात ये है की बाहर जो चीजें खाने के रूप में मिलती है, उसमें तो वैसे भी फाइबर बिल्कुल भी नहीं होता लेकिन जो खाने घर में पकाए जाते हैं। उनमें से भी कुछ खाने में फाइबर नहीं पाया जाता। जैसे कि सफेद चावल, महीन आटे से बनी रोटी, मैदे से बनी चीजें, गोस्त मछली, अंडा और सभी तरह के नॉन वेज में फाइबर बिल्कुल भी नहीं पाया जाता। यही वजह है कि जब आप रोटी या चावल के साथ किसी भी नॉन वेज का इस्तेमाल करते हैं। तो अगली सुबह आपको कब्ज की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्योंकि जो खाना आपने खाया था उसमें फाइबर था ही नहीं लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है की आप रोटी, चावल या गोश्त नहीं खा सकते बल्कि जब भी आप को खाते हैं तो साथ में एक से दो ऐसी चीजों को जरूर खाना चाहिए जिसमें फाइबर ज्यादा मात्रा मैंरहे। मौजूद होता कि शरीर में फाइबर की जरूरतों को भी पूरा रखे जा सके जिससे की कब्ज़ और गैस की समस्या ना हो।
फाइबर की कमी को किस तरीके से पूरा किया जा सकता है।
दोस्तों दो तरीके हैं जिससे की फाइबर की कमी को पूरा किया जा सकता है।
1. पहला रेक खाने की चीजों की जरूरत है और दूसरा है फाइबर से कैंसर। ये खाने की चीजों में फल सभी तरह की सब्जी और होल ग्रीन फूड में फाइबर मौजूद होता है। सेब, अमरूद, भिंडी, गाजर, ब्रोकली, गोभी, टमाटर, छिलके वाली दाल, ब्राउन राइस, मटर और पालक जैसी सब्जियों में फाइबर की अच्छी खासी मात्रा मौजूद होती है। इसलिए बेहतर है कि सुबह की शुरुआत आप किसी फल से करें। जब भी खाना खाते हैं तो चावल की मात्रा कम की जाए। ये नहीं चाहिए जिसमे आप सब्जी पकी हुई भी इस्तेमाल कर सकते हैं और खीरे और गाजर और चुकंदर जीसको सब्जियों के रूप में सलाद के रूप में भी कमी नहीं है शामिल किया जा सकता है। यहाँ तक कि अगर आप चावल के साथ सिर्फ नॉन वेज के इस्तेमाल करते है तो आपको अपनी आदतों मैं बदलाव करनी जरूरी है और खाने म सब्जी का इस्तेमाल करना जरूरी है ताकि आपको कब्ज, गैस की समस्या ना हो क्योंकि खाने में सब्जी की मात्रा जितनी ज्यादा होगी,कब्ज और गैस की समस्या भी दूर ही रहे गी। लेकिन एक बात पता है क्या अभी के लाइफ स्टाइल के हिसाब से हर वक्त के सही मात्रा में चावल का इस्तेमाल कर पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। इसलिए जब भी आपको लगे कि जितनी सब्जी आपको खाना चाहिए, उतनी आप नहीं खा रहे हैं तो ऐसे में फाइबर सपलीमेंट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। और इसके लिए इसबगोल का इस्तेमाल करना बहुत ही बेहतर हो सकता है क्योंकि ये इसबगोल एक फाइबर सपलीमेंट होता है। इसका इस्तेमाल करने का तरीका ये है की एक छोटा चम्मच ईसबगोल को पानी में डालकर 5-10 मिनट। ज़रा फूल जाए तो उसे किसी भी समय 15-15 मिनट बाद इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन खासकर रात के खाने के बाद आपको इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए ताकि आपको कब्ज की समस्या ना हो। लेकिन यह इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी है कि इसबगोल आपको हमेशा ही बिना फ्लेवर वाला ही इस्तेमाल करना चाहिए। और ख्याल रखें कि सब्जी को छोड़कर आप को पूरी तरह से इसबगोल पे ही डिपेंड नहीं होना चाहिए क्योंकि इसबगोल से सिर्फ शरीर को फाइबर मिलता है, जबकि
सब्जी और फल का इस्तेमाल करने से फाइबर के साथ साथ विटामिन्स और मिनरल्स भी शरीर को मिल जाते हैं। जो कि शरीर के कई तरह के फंक्शन में मददगार होते हैं। इसलिए इसबगोल की भूसी इस्तेमाल करने के साथ साथ जहाँ तक हो सके फल और सब्जियों को भी अपने खाने में शामिल सर ये तो इसके अलावा दिनभर में की जाने वाली कुछ ऐसी गलतियाँ भी होती है जिसकी वजह से खान पान ठीक होने के बावजूद लगातार पाचन से जुड़ी समस्या होती ही रहती है।
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