पानी पीने का सही तरीका : 21 दिन में शरीर में क्या होगा हैरान रह जाओगे


हमें ऐसा लगता है कि हम जब चाहे जैसे चाहे और जितनी मात्रा में चाहे पानी पी सकते हैं, लेकिन हमारा ऐसा सोचना बिल्कुल भी गलत है क्योंकि पानी देखने में जितना साधारण लगता है ये हमारे शरीर के सभी अंगों को ठीक तरह से काम करने और शरीर में बनने वाले जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उतना ही जरूरी होता है। हमारे शरीर मैं पेट के मोटापा से लेकर वजन बढ़ाने से लेकर वजन घटाने तक पानी एक बहुत बड़ा रोल प्ले करता है। इसलिए पानी की सही मात्रा पानी पीने का सही तरीका सही समय और पानी को किस तरह से पीने से क्या क्या फायदे हैं और क्या क्या नुकसान होते हैं? अगर इस बारे में जानकारी ना हो तो व्यक्ति चाहे जितनी भी अच्छी से अच्छी चीज़ खा ले, उसका सही फायदा शरीर को मिल ही नहीं पाता और जिसकी वजह से भविष्य में बहुत सारी Health Problem को फेस करना पड़ता है, जैसे कि अपच, कब्ज, गैस, लिवर की कमजोरी, सुस्ती आना, गुर्दे की पथरी। रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम हो जाना बार बार बीमार पड़ना स्किन एलर्जी, दाद, खुजली, चेहरे पर पिंपल्स और दाग धब्बे का होना वाइटहेड्स ब्लैकहेड्स स्किन का बहुत ज्यादा ऑयली होना बहुत ज्यादा ड्राई होना खाया पिया शरीर को ना लगना, जोड़ों में दर्द होना, शरीर की अनचाही जगहों पर चर्बी का जमना सर दर्द और चक्कर आना, वजन बढ़ाने या घटाने में दिक्कत महसूस करना। बालों का झड़ना और रातों को नींद ना आना जैसी कई बिमारी सिर्फ पानी को गलत मात्रा में और गलत तरीके से पीने से हो सकती है।

PAANI PEENE KA SAHI TAREEKA
पानी पीने का सही तरीका

पानी पीने का सही तरीका : PAANI PEENE KA SAHI TAREEKA

इसलिए आज हम जानेगे कि पानी हमारे लिए इतना जरूरी क्यों है और इसका हमारे शरीर में क्या काम होता है? 1 दिन में कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितना पानी पिया जा सकता है? अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए तो उसे 21 तरह से पता लगाया जा सकता है। एक बार में कितना ग्लास पानी पीना चाहिए और किस तरह पीना चाहिए, पानी कब कब पीना चाहिए और कब कब नहीं पीना चाहिए यानी पानी पीने का सही समय क्या है? किस तरह का पानी होना चाहिए यानी ठंडा या गर्म या फिर नॉर्मल और पानी वजन घटाने और बढ़ाने में किस तरह से मदद करता है? शुरू करते हैं कि आखिर हमारे शरीर के लिए पानी इतना जरूरी क्यों है?
तो हमारे शरीर में 60-70 प्रतिशत पानी होता है। और हमारे द्वारा पिए गए पानी का इस्तेमाल हमारे इंटरनल ऑर्गन जैसे की किडनी, लिवर, फेफड़े, पाचन तंत्र और लगभग शरीर के सभी हिस्सों को ठीक तरह से काम करने और सबसे ज्यादा हमारे शरीर की कोशिकाओं को जिंदा रखने में होता है। अब सवाल ये उठता है कि दिनभर में कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितना पानी पिया जा सकता है और अगर आपके शरीर में पानी की कमी हो गयी है तो उसे किस तरह से पता लगाया जा सकता है। दोस्तों शरीर में पानी की कमी होते ही पेशाब का रंग पीला पड़ जाता है, पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है। चेहरे और शरीर की Skin धीरे धीरे रूखी, बेजान और झुर्री पड़ने लगती है और अगर शुरू में ही पानी के पीने के सही तरीके पर ध्यान ना दिया जाए तो ये लक्षण भविष्य में गंभीर बिमारी का रूप भी ले सकते हैं। इसलिए हर दिन एक नियमित मात्रा में पानी का पीना बहुत जरूरी होता है। अब बात आती है कि दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए और पानी किस तरह का होना चाहिए। यानी गर्म या ठंडा या फिर नॉर्मल दोस्तों उसके लिए हमे ये जानना होगा कि

पानी में क्या क्या होता है और ये कौन कौन सी प्रॉब्लम या फायदा पहुंचाता है तो पानी में ज़ीरो कैलोरीज़ होने के बावजूद ये हमारे शरीर को हाइड्रेट करके शरीफ से जहरीले पदार्थ को बाहर निकालने में बहुत मदद करता है। स्किन को साफ रखता है दिमागी ताकत पाचन क्रिया, आंख, हड्डी और लगभग हमारे शरीर के सभी अंगों को ठीक तरह से काम करते रहने में बहुत मदद करता है। इसलिए हमारे लिए पानी इतना जरूरी होता है की चाहे खाये बिना कोई व्यक्ति लंबे समय तक रह ले, लेकिन पानी के बिना कुछ दिन भी जीवित रह पाना संभव नहीं है। क्योंकि मल, पसीना, पेशाब और सांस लेने की प्रक्रिया में लगभग दो लीटर पानी हमारे शरीर से हर दिन बाहर निकल जाता है जिसे रिस्टोर करना बहुत ज़रूरी होता है। वैसे तो किसी भी व्यक्ति को दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए? ये उस व्यक्ति की सेहत वो जहा रहता है उस जगह का मौसम उसके वजन और उसकी फिजिकल ऐक्टिविटीज पे निर्भर करता है। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति को दिनभर में 2.5 से 3 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए जो कि एक Average Glass से 12 ग्लास होते हैं और गर्मी के मौसम में क्योंकि ज्यादा पसीना निकलते है। इसलिए पानी की थोड़ी मात्रा भी बढ़ाई जा सकती है और जो लोग एक्सरसाइज करते हैं। उन्हें भी आम लोगों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए क्योंकि खपत ज्यादा मात्रा में होती है। अब यहाँ भी सवाल यह उठता है की

क्या जरूरत से ज्यादा पानी पी लेने पर शरीर को कोई नुकसान भी हो सकता है?

इसका जवाब बहुत ही सिंपल है कि कोई भी चीज़ बहुत ज्यादा नुकसान देती है। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से हमारी किडनी का काम बढ़ जाता है और खून में सोडियम के लेवल कम होने के चान्सेस बहुत ज्यादा रहते हैं। लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है क्योंकि अक्सर लोग उतना भी पानी नहीं पी पाते जितना कि पानी पीने की लिमिट होती है और ऐसा नुकसान तब होता है जब कोई व्यक्ति चार या पांच लीटर से भी ज्यादा पानी पी लें।

एक बार में कितना ग्लास पानी पीना चाहिए और किस तरह से पीना चाहिए?

कुछ लोगों को लगता है कि पानी को जब चाहे और जैसे चाहे पिया जा सकता है लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल भी सही नहीं है क्योंकि एक ही तरह के पानी को अलग अलग तरीके से पीने से इसका शरीर के अलग अलग तरह से असर होता है। इसलिए पानी हमेशा बैठकर और धीरे धीरे पीना चाहिए। जैसे की पानी का मुँह में रखकर चार से पांच सेकंड के लिए उसे इधर उधर घूमा। और फिर निकले। ऐसा करने से हमारे मुँह में मौजूद लार जो कील कालीन होती है, पेट में जाकर पेट के एसिडिक प्रोपर्टीज को शांत करता है, जिससे की पाचन शक्ति को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है, जबकि खड़े होकर जल्दी जल्दी पानी पीने से हमारा किडनी उसे ठीक तरह से फिल्टर नहीं कर पाता और मुँह से हटाकर बॉटल से पानी पीने से पानी के साथ साथ बाहर मौजूद बहुत सारी गैस भी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाती है। जैसे की भविष्य में जोड़ों में दर्द शुरू होने के चान्सेस बहुत ज्यादा रहते हैं इसलिए पानी हमेशा बैठकर धीरे धीरे तीन से चार सांसों में ही पीना चाहिए और एक बार में एक या डेढ़ क्लास या फिर जितनी प्यास हो उतना ही पानी पीना चाहिए क्योंकि एक ही बार में बहुत ज्यादा पानी पी लेने से हमारी किडनी उसे ठीक तरह से फिल्टर नहीं कर पाती और पानी हमारे शरीर में इस्तेमाल हुए बिना ही पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। पानी गर्म, ठंडा या फिर नॉर्मल होना चाहिए। दोस्तों कोई भी बहुत ज्यादा ठंडी चीजें हम खाते या पीते हैं तो हमारा शरीर पहले उसे गर्म करता है और फिर काम में लेता है। पानी के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है। जब हम फ्रिज में रखा ठंडा पानी पी लेते हैं तो वो हमारे पेट में पहले गर्म होता है। आप फिर काम में आता है जब तक कि इस प्रोसेसर में बहुत सारी एनर्जी वेस्ट हो जाती है और हमारे शरीर को भी इस पानी को इस्तेमाल में लाने के लिए जब तक इंतजार करना पड़ता है, जब तक कि पानी पेट में गर्भ नहीं हो जाता और साथ ही साथ ठंडा पानी हमारे द्वारा खाये गए खाने को बहुत ज्यादा सख्त बना देता है, जिससे की पाचन क्रिया बहुत धीमी पड़ जाती है और कब्ज होने के चान्सेस बहुत ज्यादा हो जाते हैं। इसलिए पानी हमेशा ही नॉर्मल या फिर हल्का गर्म ही पीना चाहिए क्योंकि हलकों पानी को हमारा शरीर भी गलत काम में लेता है और हमारे द्वारा खाये गए खाने को तोड़ने में भी हल्का गर्म पानी बहुत मदद करता है, शक्ति है, पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट भी खुल कर साफ होता है।

पानी कब कब पीना चाहिए और कब नहीं पीना चाहिए।

इसमें अक्सर लोग गलती करते हैं और बिमारी के शिकार हो जाते हैं। पानी कब पीना चाहिए। इससे ज्यादा ये जानना जरूरी है कि पानी कब नहीं पीना चाहिए। इसलिए पहले हम जान लेते हैं कि पानी कब नहीं पीना चाहिए और फिर हम जानेगे के पानी कब पीना चाहिए? खाना खाने के बाद वैसे तो खाना खाते वक्त पहले ही आदमी एक या दो घूंट पानी पीने में कोई बुराइ नहीं है, बल्कि खाने खाने से पहले एक या दो घूंट पानी पीने से सूखे खाने को गले से उतरने में मद्दद मिलता हैं और हिचकी भी नहीं आती। लेकिन खाना खाने के पहले क्या बाद में भी ज्यादा मात्रा में पानी पीना बिल्कुल भी सही नहीं है? जिससे पाचन क्रिया बहुत धीमी पड़ जाती है। इसलिए कई हमेशा खाली मिनट से एक घंटा बाद ही पानी पीना चाहिए। रात को सोने से तुरंत पहले या अचानक नींद खुलने पर पानी पीकर सोना दोस्तों,दिन के समय पानी हमारे लिए जितना फायदेमंद होता है। इसी तरह रात के समय ज्यादा पानी नुकसान भी हो सकता है। क्योंकि सोते वक्त हमारा शरीर एक्टिव नहीं रहता, जिससे पानी हमारे शरीर में ठीक से इस्तेमाल हुए बिना ही किडनी में फिल्टर होता है जहाँ जाता है जहाँ यह हमारी किडनी को पहुंचा और न ही जाता है और नींद से उठकर पहले बार बार टॉयलेट जाने की भी जरूरत पड़ सकती है, जिससे की दो बार बहुत मुश्किल है। बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसलिए। जितना हो सके दिन के टाइम ही पानी का करने की कोई पूरा करने की कोशिश करना चाहिए। लगातार पानी पीने के बीच कम से कम 45 मिनट से 1 घंटे का गैप जरूर रखना चाहिए क्योंकि जल्दी जल्दी पानी पीते रहने से जल्दी जल्दी पेशाब आने की समस्या भी शुरू हो सकती है। इसलिए जब आपको लगे कि आपका पेशाब पीला नहीं है बल्कि पानी की तरह बिल्कुल साफ हैं तो इसका मतलब होता है कि फिलहाल आपकी बॉडी को पानी की जरूरत नहीं है। इसलिए पेशाब करने के बाद पानी पीने के लिए कम दर से कम 15-20 मिनट तक रखें ताकि हमारी शरीर को Rest का थोड़ा मौका मिल सके। नहीं तो। बार पेशाब आने से पेशाब मैं समस्या शुरू हो सकती है। फल खाने के बाद असर हिस्सा और ऐसी सब्जी जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो तुरंत बाद पानी बिलकुल भी नहीं पीना चाहिए। और संतरे को खाने के बाद बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से खाई हुई चीज़ बहुत ही सख्त हो जाती है जिससे पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है और कुछ लोगों को सर्दी जुकाम भी हो जाते हैं। साथ ही साथ बहुत ज्यादा गर्म चीज़ है जैसे कि चाय, कॉफी और सूप जैसी चीजों को पीते हैं तो तब भी आपको बिल्कुल पानी पीना नहीं क्योंकि इन चीजों को पीने के बाद तुरंत पानी से मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है। कुछ भी खाने या पीने से पहले अपने पेट की सफाई जरूर करनी चाहिए, जिसके लिए पानी से बेहतर और कुछ भी नहीं। सुबह खाली पेट पानी पीने से रात को सोते वक्त पेट में बनने वाले जहरीले पदार्थ की सफाई हो जाती है। इसलिए एक से दो ग्लास क्लीनिंग सुबह खाली पेट एक एक क्लास करके पानी दिन के खाना खाने के 45 मिनट या एक घंटा पहले और बाद में पीना चाहिए और उसी तरह रात के समय पानी कम मात्रा में पीना चाहिए और रात का खाना खाने के 2 घंटे बाद पानी की जगह दूध का सेवन करना चाहिए क्योंकि दूध में मौजूद प्रोटीन पूरी रात एनर्जी प्रदान करता है और इसमें मौजूद minerals दिमाग को शांत करके अच्छी नींद दिलाने में बहुत मदद करता है। दिन में जब भी आप पानी पिएं तो दो बार पानी पीने के बीच लगभग 1 घंटे का अंतराल लगते हुए पानी पीने का खास ख्याल रखें, ताकि पूरे दिन में ढ़ाई से तीन बार पानी पूरा किया जा सके। और अगर आप धूप से आते हैं या Running कर के आते है तो उस दौरान पानी बिल्कुल भी नहीं पीना। क्योंकि शरीर का Temperature High रहता है
Thanks !

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